भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा:- 241
(साक्ष्य के रूप में किसी दस्तावेज या इलैक्ट्रॉनिक अभिलेख का पेश किया जाना निवारित करने के लिए उसको नष्ट करना)
जो कोई किसी ऐसी दस्तावेज या इलैक्ट्रॉनिक अभिलेख को छिपाएगा या नष्ट करेगा जिसे किसी न्यायालय में या ऐसी कार्यवाही में, जो किसी लोक सेवक के समक्ष उसकी वैसी हैसियत में विधिपूर्वक की गई है, साक्ष्य के रूप में पेश करने के लिए उसे विधिपूर्वक विवश किया जा सके, या पूर्वोक्त न्यायालय या लोक सेवक के समक्ष साक्ष्य के रूप में पेश किए जाने या उपयोग में लाए जाने से निवारित करने के आशय से, या उस प्रयोजन के लिए उस दस्तावेज या इलैक्ट्रॉनिक अभिलेख को पेश करने को उसे विधिपूर्वक समनित या अपेक्षित किए जाने के पश्चात्, ऐसी सम्पूर्ण दस्तावेज या इलैक्ट्रानिक अभिलेख को, या उसके किसी भाग को मिटाएगा, या ऐसा बनाएगा, जो पढ़ा न जा सके, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या पांच हजार रुपए तक के जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
अपराध का वर्गीकरण
सजा:- 3 वर्ष के लिए कारावास, या 5,000 रुपए का जुर्माना, या दोनों
अपराध:- असंज्ञेय
जमानत:- जमानतीय
विचारणीय:- प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय
अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नहीं किया जा सकता हैं।
(IPC) की धारा 204 को (BNS) की धारा 241 में बदल दिया गया है। - अगर आप चाहे तो लोगो पर क्लिक करके देख सकते है |
अघ्याय 2 की सारी धाराएं विचारण के पहले की (इनके प्रारूप ऊपर हेड में दिए गए है)